Monday, November 2, 2015

पूछो पूछो

पूछो पूछो क्या माजरा है
आदमी-गैय्या दोनों लाचार है

पूछो पूछो किसका दबाव है
खाने में क्या है - कोई सुझाव है?

मैग्गी बैन है पोर्न भी न है
मुफ्त इंटरनेट का होप भी न है

बीफ न खाइयो, allowed नहीं है
पाक का कोई इण्डिया में allowed नहीं है

रास्तो पर ट्रैफिक का जाम लगा है
भीड़ में एक ठग को ठग ने ठगा है

पूछो पूछो क्या माजरा है
पढ़ा-लिखा MBA भी घूमे आवारा है

लेखक खुद को काट रहा है
खुद ही के लिखाव को छांट रहा है

डॉक्टर की भी कुछ लाचारी है
शायद उसे भी पैसों वाली बीमारी है

सर्विस वाला खुद ही को कुत्ता बता रहा है
और उल्टा आवारा कुत्ते से आपत्ति जता रहा है

पूछो पूछो क्या माजरा है
ताज वाला नहीं, अब pollution वाला आगरा है

मीडिया क्या न्यूज़ बना रही है
रुको, शायद खुद बुंन रही है

जनता बेहरी होकर भी ये
सारा तमाशा सुन रही है

किसीको चांटा तो किसी पर कालिक पूत रही है
काली हथेलोयों वाली पब्लिक कहाँ घूम रही है

खबरें भी आजकल कठपुतलियां हुयी जाती हैं
जो डोर खींचे उसकी हुयी जाती हैं

रेप पर रेप होते जा रहे हैं
पुलिस की छड़ी के नीचे शिकार ही शर्मा रहे हैं

आज़ादी मिली पर  कैसी, न्याय तो न हो पाया
मुल्क का सही पर सोच का बटवारा न हो पाया

पूछो पूछो क्या माजरा है
पूछो पूछो क्या माजरा है.


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